Saturday, February 21, 2009

मेरे विज्ञान कथा संग्रह


वैज्ञानिक लघु कथाएँ -139 लघु कथाएँ, (1989)
आधुनिक विज्ञान कथाएँ- (आदि मानव, अफ्रीका का वाइरस, नारंगी, यूक्का, सूर्य, विष कन्या, फोबोस , एक्स-रे, दोल्मे, एडस की छाया में, नशालु, आधीारात का सूर्य, एपार्थिड, आक्सीजन मास्क, विमान, परामानव) (1991)
सूर्य ग्रहण- (स्टेथेसकोप, सूर्य ग्रहण, आप्रेशन, ध्यान मशीन, चिन्पैजी, मेरे मित्र, गोश्त, पुर्नजन्म, देवभूमि, दान, डॉ. ताण्डव, मूक प्रश्न, मृत्यु का अधिकार, रोबो, अरे जईद, गायब, बहुपुत्रवनी, गुलाब, बाड़ी , भारहीनता, डॉ. रजनी और स्वाद, काश मैं पूर्ण मानव होता, पिरामिड) (2004)
आधुनिक ययाति- (वेगा, समस्थानिक, अपराजित, दूसरा नहुष, आधुनिक ययाति, जिससे मानवता बची रहे। डॉ अलवर्ती वापस न आ सके, लौह भक्ष्ी, फोबस विखंडित हो गया, उस दुर्घटना के बाद, उस पल के पूर्व, खून, अन्तिम जलप्लवन, अंतरिक्ष दस्यु) (2004)
वे चन्द्रमा से आये - (वे चन्द्रमा से आये, रक्त लेख, अतीत की शिवा, प्वाइंट सालमा, अवसाद, का अन्त, एक और सभ्यता का विनाश, चाय-दार्जिलिंग की, ओह! वह हरा आकाश), (2005)
वैज्ञानिक पुरा कथाएँ- (संजीवनी, द्रोणाचार्य, विंध्यगिरि, वृत्ताासुर, नृसिंह, त्रिपुर-अन्तरिक्ष में तीन नगर, मनचालित विमान-सौभ, चल प्रतीक-ध्रुव, राजा मांधाता, राजा त्रिशुंक, खंड प्रलय, महर्षि च्यवन, ब्रह्मात्र, राजा ककुध्न, समुद्र मंथन, शिखंडी, विशल्या, राजा ययाति, महर्षि भृगु का चमत्कार, हिरण्यनगर, अश्विद्वय, श्वेत वराह, अवतार, सत्यवान, गणेश, कौरव, नारद, परीक्षित, दधीच, सुदर्शन चक्र, राजा बेन, अहल्या, इला, असुर त्रित, महर्षि दध्यड़, महर्षि अरुणि, उद्दालक, उपमन्य, और्व-अग्नि, वामन अवतार, सरमा, उर्वशी) (2009),
एक और शिखण्डी - (अतिज्ञान, मोहभंग, सत्य का अभास, प्रतिरोध, नो मैन-काईड, माफिया, चेतना, तरंगे, आकर्षण, परिवर्तन, चमत्कार, एक और शिखण्डी) शीघ्र प्रकाश्य।
उत्तारी आकाश गंगा में - रोबोटों का पुनर्जागरण, कंज्वाइन्ट तोकतामिश कागान (खान) के ई. भाव बिम्ब, उल्का पिण्ड, क्वा-हेक, इसी धरा पर, प्रवृत्तिा परिवर्तन, चीत्कारें, भ्रण और वह डायरी, पराबो वाइरस, उत्तारी आकाश, गंगा में) शीघ्र प्रकाश्य,।
खाँसी-विज्ञान कथा संग्रह- (खाँसी, अनुभूतियाँ, तीन घण्टे, उलझन, उंगलियाँ, वह फिर आ गई, पुर्नसृजन, प्रकृति, अनुत्तारित प्रश्न, वे-लोग, पर्यावरण नियत्रण) शीघ्र प्रकाश्य।
उडन तश्तरियाँ और विज्ञान कथाएँ- (उड़न तश्तरियों से सबंधित विविध विवरण तथा संग्रहीत विज्ञान कथाएँ), शीघ्र प्रकाश्य
वैज्ञानिक युग में अंधविश्वासों का चक्र व्यूह-(जिलेटिन का कैप्स्यूल, मंगल दोष, सफेद दाग, माता का प्रकोप, प्रेत भस्म हो गया, भू-समाधि, देवी आ गयी, नाग पंचमी, करवा चौथ, पोलिओ ड्राप, सेतुबंध, ग्लोबल वार्मिग, आकाश में सीढ़ी, हीरे का तारा, कटा पीपल उठ गया, मिनी कामधेनु, योगिराज, मिरगी, सर्प मणि,डायरिया-कालीथान, मलमास और मानसून, नाड़ी दोष, बिच्छू मंत्र, चन्दा मामा, सेतुबंध, साँप के कान नेवला, दाँत और दपर्ण, टोना, जीभ में त्रिशलू, मंत्र और पीलिया, चमत्कारी-दण्ड, दरवेशों का करिश्मा, बहा खून रुक गया, पढ़ लिया संदेश उसने, चावल पक गया ठण्डे पानी में, घेरती मक्खियां, मोमबती जल उठी, मंत्र शक्ति से अग्नि उत्पन्न हो गई।
रोमांचक विज्ञान कथाएँ- (लखनऊ, मदाम आमू, वह ग्रह, अमीरअली योगिराज), शीघ्र प्रकाश्य,
इन संग्रहों की अधिकांश विज्ञान कथाएँ विभिन्न समाचार पत्रों, पत्रिकाओं जैसे- जनमोर्चा, सेन्टीनल, दिवस जीवन, दैनिक चेतना, लोकमत समाचार, लोकतेज, दैनिक नवज्योति, विज्ञानगंगा, विज्ञान गरिमा सिंधु, विज्ञान प्रगति, आविष्कार, अवध अर्चना, बाल वाटिका, इन्द्रप्रस्थ-भारती, प्रगति, वैज्ञानिक, नेहा, इलेक्ट्रानिकी, आप के लिए, खनन भारती, नवनीत, साहित्य-अमृत में प्रकाशित हुयी हैं और होती रहती हैं।

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